- Sohail Sen Bikhri Bikhri 歌词
- Sohail Sen
बिखरी बिखरी सी जुल्फें हैं क्यूँ खोयी खोयी सी आँखें हैं क्यूँ गम का यह पल गुजर जाएगा फिर कोई हमसफ़र आएगा
बिखरी बिखरी सी जुल्फें हैं क्यूँ खोयी खोयी सी आँखें हैं क्यूँ गम का यह पल गुजर जाएगा फिर कोई हमसफ़र आएगा
~ संगीत ~
बीते पल भूल जा, वो पल नही हैं कही लायेंगे पल नए, एक जिंदगी फिर हसीं
यह भीगी पलकें उठा, यह सोचके मुस्कुरा लाएगा फिर समय कोई ज़माना ऐसा यहाँ
फिर चलेगी हवा मनचली, फिर से महकेगी कोई कलि फिर कोई हमसफ़र आएगा, दिल कोई गीत फिर गायेगा
~ संगीत ~
रात लंबी सही, फिर भी यह इक रात है सुबह हो जायेगी, सौ बातों की बात है
फिर जागेगी यह फिजा, फिर दिल का इक रास्ता ले जाएगा वहीं तुझे, तेरे है मंजिल जहाँ
सच तो यह है की होना है यूं, तो इन आखों में आंसू है क्यूँ गम ना कर तू जो मुरझा गए, फूल खिल जायेंगे फिर नए
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